मणिपुर हिंसा मामले की सुनवाई अब गुवाहाटी हाई कोर्ट में होगी. सुप्रीम कोर्ट ने आज असम की अदालत में मणिपुर हिंसा के 27 मामले गुवाहाटी हाई कोर्ट में ट्रांसफर कर दिए हैं. इतना ही नहीं गुवाहाटी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से स्पेशल जज नियुक्त करने को भी कहा है. JI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने यह आदेश जारी किया है.
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सुप्रीम कोर्ट ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से मणिपुर हिंसा के 27 मामलों से निपटने के लिए गुवाहाटी में एक या अधिक न्यायिक मजिस्ट्रेट या सत्र न्यायाधीश नियुक्त करने को कहा है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि सुरक्षा के मद्देनजर आरोपियों का ट्रायल और रिमांड ऑनलाइन होगा और पीड़ित और गवाह कोर्ट में फिजिकली गवाही देने के बजाय घर से ही ऑनलाइन गवाही दे सकेंगे. इसके अलावा, मणिपुर में स्थानीय मजिस्ट्रेट के समक्ष धारा 164 के तहत गवाहों और पीड़ितों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे.
Manipur violence: Supreme Court says at the present stage, bearing in mind the overall environment in Manipur and a need to ensure a fair process of criminal justice administration, it requests the Chief Justice of the Gauhati High Court to nominate one or more judicial officer
— ANI (@ANI) August 25, 2023
इसके साथ ही आरोपी की न्यायिक हिरासत भी मणिपुर में दी जाएगी. इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर राज्य सरकार से पर्याप्त इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने को भी कहा है. सीजेआई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के सुझावों के बाद आदेश पारित किया है. हिंसा के 17 मामलों की जांच 53 सीबीआई अधिकारी कर रहे हैं. जिसमें 29 महिलाएं शामिल हैं. इन अधिकारियों की भर्ती देश भर के सीबीआई कार्यालयों से की गई है.
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