दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को मणिपुर हिंसा से उत्पन्न हुई परिस्थिति की सूची दी. इतना ही नहीं राष्ट्रपति को दिए अपने ज्ञापन में कांग्रेस पार्टी ने कहा कि जांच समिति का गठन सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा या रिटायर जज की अगुवाई में होना चाहिए.
Advertisement
Advertisement
सरकार ने की मुआवजे की घोषणा
मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. हालांकि कई जगहों से हिंसा की खबरें आ रही हैं. इस हिंसा में कई लोगों की जान जा चुकी है. आज सरकार ने प्रभावित परिवारों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है. उधर, कांग्रेस नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिला और उच्च स्तरीय जांच आयोग के गठन की मांग की. कांग्रेस की ओर से राष्ट्रपति को दी गई सूची में पार्टी की ओर से 12 मांगें रखी गई हैं.
कांग्रेस की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया है कि आज मल्लिकार्जुन खरगे ने 4 पन्नों का एक ज्ञापन राष्ट्रपति को सौंपा है. इसमें हमने मांग की है कि मणिपुर में क्या कार्रवाई होनी चाहिए, जो ज्ञापन हमने सौंपा हैं उसमें 12 बिंदुओं का एक्शन प्लान है कांग्रेस की तरफ से जिससे मणिपुर में फिर से शांति और सद्भावना वापस लौट आए.
कांग्रेस की मांग?
हिंसा को नियंत्रित करने और स्थिति को सामान्य करने के साथ-साथ शांति लाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं.
केंद्र सरकार द्वारा असामाजिक तत्वों पर नकेल कसने के लिए तत्काल व प्रभावी कदम उठाए जाएं.
पहाड़ी क्षेत्र के आसपास दोनों समुदायों के गांवों में सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए जाएं.
केंद्र सरकार को विस्थापितों को उनके निर्दिष्ट स्थानों या सुरक्षित स्थानों पर बसाने की व्यवस्था करने के लिए कदम उठाने चाहिए.
पीड़ितों और प्रभावित लोगों को उनके नुकसान के अनुरूप उचित मुआवजा मिलना चाहिए.
मणिपुर हिंसा में जिन लोगों की जान गई है, उनकी तुरंत पहचान की जानी चाहिए और उनके शवों को अंतिम संस्कार के लिए उनके परिवारों को सौंप दिया जाना चाहिए.
बड़ी संख्या में लापता व्यक्तियों का पता लगाने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाना चाहिए.
बड़ी संख्या में बच्चे राहत शिविरों में रहते हैं ऐसे छात्रों की शिक्षा के लिए विशेष व्यवस्था की जानी चाहिए.
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत दूसरे दौर में गुजरात में 4966 और बच्चों को दिया गया प्रवेश
Advertisement