मणिपुर में पिछले दो महीने से जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. राज्य और केंद्र सरकार की ओर से लगातार शांति की अपील की जा रही है. इस बीच जानकारी सामने आ रही कि मणिपुर के पश्चिमी कांगपोकपी इलाके में फिर से हिंसा भड़क उठी है, पूरी रात जारी हिंसक झड़प में एक पुलिसकर्मी की मौत होने और 10 अन्य लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आई है. एक अधिकारी के मुताबिक तड़के तीन बजे से सुबह छह बजे तक हालात सामान्य रहे, लेकिन फिर फेयेंग और सिंगदा गांवों में भारी गोलीबारी की आवाज सुनाई दी.
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फायरिंग में पहाड़ी इलाकों को निशाना बनाया गया
अधिकारी ने कहा, गोलीबारी में कांगपोकली जिले के कांगचुप इलाके में गांवों और पहाड़ी इलाकों को निशाना बनाया गया. असम राइफल्स 2 गांवों के बीच एक ‘बफर जोन’ संचालित करती है. अधिकारी ने इस तरह की आमने-सामने की झड़पों में लोगों के हताहत होने की भी सूचना दी है. उन्होंने कहा कि गोलीबारी रुकने के बाद ही स्थिति की सही जानकारी मिल सकेगी.
गौरतलब है कि 3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी थी. मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में 3 मई को पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकता मार्च आयोजित होने के बाद झड़प शुरू हुई थी. उग्रवादियों ने राज्य सरकार और केंद्र के कई मंत्रियों के घरों में भी आग लगा दी है. हालात को संभालने के लिए सैना को तैनात किया गया है. लेकिन अभी तक स्थिति सामान्य नहीं हुई है. सरकार दावा कर रही है कि वक्त गुजरने के साथ हालात पर काबू पाया जा रहा है, लेकिन इस बीच उग्रवादियों और सेना के बीच झड़प की खबर आती रहती हैं.
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