दिल्ली: ऑनलाइन सट्टेबाजी या जुए के विज्ञापनों को प्रकाशित या प्रदर्शित करने पर मीडिया संगठनों के लिए शुक्रवार को एक नई गाइडलाइन जारी की गई. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी में अखबारों, टेलीविजन चैनलों, डिजिटल मीडिया, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों से किसी भी प्रकार के सट्टेबाजी या जुए के विज्ञापन नहीं दिखाने का आग्रह किया गया है. मंत्रालय ने कहा कि इस आदेश का पालन नहीं करने वाले संगठनों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.
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मंत्रालय ने क्यों जारी की नई एडवाइजरी?
यह एडवाइजरी इस महीने के अंत में होने वाले एशिया कप क्रिकेट लीग और भारत में होने वाले आईसीसी विश्व कप 2023 से पहले जारी की गई है. मंत्रालय ने अपनी इडवाइजरी में कहा, “यह देखा गया है कि किसी भी बड़े खेल आयोजन, खासकर क्रिकेट मैचों के दौरान, ऐसे सट्टेबाजी और जुआ प्लेटफार्मों को बढ़ावा देने की गतिविधि होती है और ऐसा ही एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम अब से कुछ दिनों में शुरू हो रहा है.”
मंत्रालय ने अपनी एडवाइजरी में क्या कहा?
मंत्रालय ने अपनी एडवाइजरी में कहा, “सट्टेबाजी और जुए के प्लेटफॉर्म के ऐसे विज्ञापन महत्वपूर्ण वित्तीय और सामाजिक-आर्थिक जोखिम पैदा करते हैं. मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क से संबंध रखते हैं, जिससे देश की वित्तीय सुरक्षा को खतरा है, ”इस बात की अधिक संभावना है कि ऐसे विज्ञापनों के भुगतान के लिए काले धन का इस्तेमाल किया जा रहा है. एडवाइजरी के मुताबिक, ”कई मीडिया हाउस क्रिकेट मैचों के दौरान सट्टेबाजी और जुए से जुड़े विज्ञापन दिखाते हैं.”
मीडिया प्लेटफॉर्म पर कानूनों का उल्लंघन हो रहा है?
भारत में सार्वजनिक जुआ अधिनियम, 1867 लागू है. इस अधिनियम के तहत जुआ खेलना और खिलाना दोनों अपराध है. देश में ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ भी एक गैरकानूनी गतिविधि है. तदनुसार, किसी भी मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ऐसी गतिविधियों को प्रदर्शित करना या प्रचारित करना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 और प्रेस काउंसिल अधिनियम, 1978, केबल टेलीविजन नेटवर्क विनियमन अधिनियम, 1995 सहित विभिन्न कानूनों का उल्लंघन करता है.
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