सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मलिक को मेडिकल आधार पर 2 महीने की जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. उधर, प्रवर्तन निदेशालय ने भी उन्हें जमानत देने पर कोई आपत्ति नहीं जताई थी. फरवरी-2022 में गिरफ्तारी के बाद से नवाब मलिक जेल में हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वह 17 महीने बाद जेल से बाहर आएंगे.
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इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने 13 जुलाई को मलिक की जमानत याचिका रद्द कर दी थी. उसके बाद मलिक ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. मामले की सुनवाई करने वाली जस्टिस अनिरुद्ध बोस और एम. त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि मलिक किडनी और अन्य बीमारियों के कारण अस्पताल में हैं. हम चिकित्सीय शर्तों पर कड़ाई से आदेश स्वीकृत कर रहे हैं.
मलिक का दाऊद से कथित संबंध
गौरतलब है कि ईडी ने फरवरी 2022 में मलिक को भगोड़े डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया था. एनसीपी नेता न्यायिक हिरासत में हैं और फिलहाल मुंबई के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है.
पिछले साल महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने नवाब मलिक का अंडरवर्ल्ड के साथ कनेक्शन का खुलासा करते हुए दावा किया था कि उन्होंने 1993 मंबई ब्लास्ट के दोषियों से जमीन खरीदी है वह भी बाजार मूल्य से काफी कम कीमत में, फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा था कि मलिक आपने मुंबई के गुनहगारों, मुंबई में बम विस्फोट करने वालों से जमीन क्यों खरीदी? ऐसी कौन सी बात थी कि जिसके कारण मुंबई के गुनहगारों ने एलबीएस रोड पर तीन एकड़ जमीन आपको 20 लाख रुपये में दे दी?
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