लाहौर: आर्थिक बदहाली से जूझ रहा पड़ोसी देश पाकिस्तान में इन दिनों महंगाई अपने चरम पर है. पाक आर्थिक रूप से कमजोर हो गया है और इसके पीछे एक बड़ी वजह भारत के साथ व्यापार न करने का फैसला है. पाकिस्तान सरकार के इस फैसले से वहां की जनता महंगाई की मार झेल रही है, लेकिन पाकिस्तानी नेताओं की अकड़ कम होने की नाम नहीं ले रही है. पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के साथ खराब संबंधों के कारण व्यापार शुरू होने की कोई संभावना नहीं है.
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एक मीडिया इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि भारत की हिंदू राष्ट्रवादी सरकार के साथ काम करना संभव नहीं है. भारत की सत्ताधारी पार्टी और उसके लोगों की पाकिस्तान के साथ मुद्दों को हल करने की कोई इच्छा नहीं है. इसके बजाय वे दोनों देशों के बीच समस्याओं को बढ़ाना चाहते हैं. मुझे नहीं लगता कि इस तरह के आक्रामक रुख अपनाने वाली सरकार के साथ पाकिस्तान के व्यापारिक संबंध फिर से शुरू होंगे.
पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने आगे कहा कि भारत की हिंदू राष्ट्रवादी सरकार देश को हिंदू और मुस्लिम के नाम पर बांट रही है. इसी वजह से पाकिस्तान की उसके साथ व्यापारिक संबंध शुरू करने की कोई इच्छा नहीं है. अगर भारत अपना रुख बदलता है तो पाकिस्तान बातचीत फिर से शुरू करने को तैयार है.
हालांकि भारत की तरफ से जो बयान दिया गया है वो हिना रब्बानी के दावे की पोल खोलने वाला है. क्योंकि भारत की वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि अप्रैल से दिसंबर 2022 के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार 1.35 अरब डॉलर तक पहुंच गया है.
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