दिल्ली: नए संसद भवन के उद्घाटन का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. एक याचिका दायर कर अदालत से यह आदेश देने की मांग की गई है कि राष्ट्रपति संसद भवन के नए परिसर का उद्घाटन करें. पेशे से वकील जयासुकिन की ओर से दायर याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट लोकसभा सचिवालय को निर्देश दे कि उद्घाटन राष्ट्रपति करें. लोकसभा द्वारा 18 मई को जारी बयान का जिक्र करते हुए वकील ने कहा कि पीएम का उद्घाटन करना संविधान का उल्लंघन है और राष्ट्रपति को उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए.
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संसद के उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं करना संविधान का उल्लंघन
याचिकाकर्ता वकील ने संविधान के अनुच्छेद 79 का जिक्र करते हुए कहा, संसद का मतलब दोनों सदन और राष्ट्रपति, तीनों को मिलाकर संसद बनती है. इस प्रकार राष्ट्रपति संसद का अभिन्न अंग और उसका संरक्षक होता है. याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रपति को देश का पहला नागरिक माना जाता है. अनुच्छेद 85 के तहत राष्ट्रपति ही संसद का सत्र बुलाते हैं. इतना ही नहीं प्रधानमंत्री की नियुक्ति भी राष्ट्रपति ही करवाते हैं. इतना ही नहीं, यदि कोई विधेयक स्वीकृत होता है तो वह राष्ट्रपति के नाम पर होता है.
याचिका में कहा गया है कि ऐसे में राष्ट्रपति को संसद के उद्घाटन समारोह में आमंत्रित नहीं करना उनका अपमान और संविधान का उल्लंघन है.
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