वित्त वर्ष 2047 तक डॉलर के संदर्भ में भारत की प्रति व्यक्ति आय लगभग पांच गुना बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि देश के मध्यम आय वर्ग का आकार लगातार बढ़ रहा है. एसबीआई रिसर्च के मुताबिक, देश की प्रति व्यक्ति आय वित्त वर्ष 2023 में 2,500 डॉलर (2 लाख रुपये) से बढ़कर वित्त वर्ष 2047 में 12,400 डॉलर (14.9 लाख रुपये) हो जाने की उम्मीद है.
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एसबीआई रिसर्च ने एक नोट में कहा कि यह वृद्धि “ग्रेट इंडियन मिडिल इनकम क्लास” द्वारा संचालित होगी, जिसमें 2047 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष तक 25% करदाताओं के निम्न आय समूह से मध्यम और उच्च आय समूहों में स्थानांतरित होने की उम्मीद है.
कर्मचारियों की संख्या 53 करोड़ से बढ़कर 72.5 करोड़ होने का अनुमान
नोट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2047 तक आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 588 प्रतिशत बढ़कर 48.2 करोड़ हो जाने की उम्मीद है, कर योग्य आधार में श्रमिक वर्ग की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2047 में 22.4 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2047 में 85.3 प्रतिशत हो जाएगी. वित्त वर्ष 2047 में श्रमिकों की संख्या 53 करोड़ से बढ़कर 72.5 करोड़ होने का अनुमान है.
एसबीआई रिसर्च के अनुसार, आकलन वर्ष 2014 (वित्त वर्ष 2013) में मध्यम वर्ग की भारित औसत आय रु. 4.4 लाख से रु. 13 लाख हो चुकी है. एसबीआई ने कहा कि 2047 में यह बढ़कर रु. 49.7 लाख की उम्मीद है. यह विशेष रूप से करदाताओं की संख्या में वृद्धि के कारण संभव होगा क्योंकि अधिक करदाता निम्न आय वर्ग से ऊपर आ रहे हैं.
आकलन वर्ष 23 (वित्त वर्ष 2022) में 6.85 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल किया था. जिसमें 64 फीसदी आबादी अब भी 5 लाख रुपये तक की आय वर्ग में है, जो आकलन वर्ष 2012 में 84 प्रतिशत थी. आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले 25 प्रतिशत करदाताओं के वित्त वर्ष 2047 तक सबसे कम आय वर्ग छोड़ने की उम्मीद है, जबकि 13.6 प्रतिशत लोगों ने आकलन वर्ष 2012 से 2023 की अवधि में नौकरियां छोड़ दी हैं.
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