मणिपुर में 3 मई के बाद शुरू हुई हिंसा अब तक जारी है. हिंसा में अब तक 120 लोगों की जान जा चुकी है. जबकि 3000 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. दो महीने से जारी हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है. लगातार गोलीबारी की घटनाएं सामने आ रही हैं. अब फिर से दो जगहों पर गोलीबारी की घटना सामने आई है. हालांकि, कोई हताहत नहीं हुआ है.
Advertisement
Advertisement
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पहली घटना मंगलवार शाम की है. जब 7 से 8 बजे के बीच खोईजुमतांबी इलाके में दो समुदायों के बीच फायरिंग हुई. वहीं, दूसरी घटना बुधवार सुबह की है. जिसमें करीब चार बजे फलांग के पूर्व में रिज लाइन में गोलीबारी की घटना सामने आई. गौरतलब है कि दोनों घटनाओं में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. मुख्यमंत्री बीरेन सिंह खुद मैतेई समुदाय से हैं और उन पर कुकी समुदाय से जुड़े संगठनों ने पक्षपात का आरोप लगाया है. राजधानी इंफाल समेत कई जिलों में हिंसा जारी है और मुख्यमंत्री बीरेन सिंह स्थिति को न संभाल पाने के कारण विपक्ष के निशाने पर हैं.
गौरतलब है कि 3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी थी. मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में 3 मई को पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकता मार्च आयोजित होने के बाद झड़प शुरू हुई थी. उग्रवादियों ने राज्य सरकार और केंद्र के कई मंत्रियों के घरों में भी आग लगा दी है. हालात को संभालने के लिए सैना को तैनात किया गया है.
कांग्रेस अध्यक्ष की मांग इस्तीफा दें सीएम
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी दो दिवसीय मणिपुर के दौरे पर पहुंचे थे, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट कर लिखा था कि खबर है कि गृह मंत्री (अमित शाह) ने आखिरकार मणिपुर के हालात पर प्रधानमंत्री मोदी से बात की है. पिछले 55 दिनों से मोदीजी ने मणिपुर पर एक भी शब्द नहीं बोला है. अगर मोदी जी वास्तव में मणिपुर के बारे में कुछ सोचते हैं तो पहले अपने सीएम को हटाएं. आतंकवादी संगठनों और असामाजिक तत्वों से हथियार जब्त करें. सभी दलों के साथ बातचीत शुरू करें और एक साझा राजनीतिक रास्ता खोजें.
क्या 6 और राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष बदलेगी बीजेपी? कैबिनेट में भी बड़े फेरबदल की संभावना
Advertisement