मणिपुर में शुरू हुई हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है. कुछ समय पहले इंटरनेट सेवा शुरू की गई थी लेकिन दो नाबालिग का शव मिलने के बाद हिंसा भड़क गई थी. जिसकी वजह से इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी. इतना ही नहीं इस घटना के बाद से पूरे राज्य में लगातार हिंसक घटनाएं हो रही है. इस बीच इम्फाल पश्चिम जिले के पाटसोई थाना क्षेत्र में एक बार फिर हिंसा भड़कने की जानकारी सामने आ रही है.
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मिल रही जानकारी के अनुसार मणिपुर में बुधवार देर रात को एक बार फिर हिंसा भड़क उठी. रात 10:30 से 11 बजे के बीच हमलावर मैताई इलाके में घुसे और दो-तीन घरों में आग लगा दी. यह घटना इंफाल पश्चिम के कैथेलमंगबी के पाटसोई थाना क्षेत्र में हुई थी. सभी हमलावर हथियारों से लैस थे. पुलिस ने बताया कि बदमाशों ने कई राउंड फायरिंग भी की थी. घटना के बाद हमलावर भाग गए, उसके बाद मौके पर मैतेई समुदाय की महिलाओं की भीड़ जमा हो गई. सुरक्षा बलों ने महिलाओं को आगे बढ़ने से रोका और शांति बनाए रखने की कोशिश की. पुलिस ने दावा किया कि स्थिति नियंत्रण में है. हालांकि, गुरुवार सुबह तक रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही. जुलाई से लापता दो छात्रों की हत्या का मामला सामने आने के बाद से मणिपुर में हिंसा जारी है.
बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही हैं हिंसक घटनाएं
अभी कुछ दिन पहले हिंसाग्रस्त मणिपुर में इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई थी. जिसके बाद सोशल मीडिया पर 17 साल के छात्र हिजाम लिनथोइनगांबी और 20 साल के छात्र फिजाम हेमजीत की दो तस्वीरें वायरल हो गई थी. पहली तस्वीर में ये दोनों घास के मैदान में बैठे नजर आ रहे हैं, जबकि दूसरी तस्वीर में माना जा रहा है कि इनकी हत्या कर दी गई है. इस फोटो में उनके पीछे हथियार थामे दो लोग भी नजर आ रहे हैं. इस घटना के बाद सीएम एन बीरेन सिंह ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है. इतना ही नहीं इस मामले की जांच भी सीबीआई कर रही है. लेकिन इसका वीडियो सामने आने के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है जिसकी वजह से राज्य में एक बार फिर हिंसा भड़क उठी है.
4 महीने में राज्य में 175 लोगों की मौत हो गई
मणिपुर में चार महीने पहले शुरू हुई जातीय हिंसा अभी भी थमने का नाम नहीं ले रही है. बीते दिनों राज्य के हालात पर पुलिस महानिरीक्षक (ऑपरेशन्स) आईके मुइवा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि इन चार महीनों में राज्य में 175 लोग मारे गए, 1108 घायल हुए और 32 लापता हैं. इसके अलावा उन्होंने बताया कि इस दौरान 4,786 घरों को आग लगा दी गई और 386 धार्मिक इमारतों को ध्वस्त कर दिया गया है. जिन 386 धार्मिक इमारतों को नष्ट किया गया या तोड़फोड़ की गई उनमें 254 चर्च और 132 मंदिर शामिल हैं. आईजीपी ने कहा कि पुलिस के जो हथियार गायब हुए हैं, उनमें 1359 आग्नेयास्त्र और 15,050 विभिन्न प्रकार के गोला-बारूद शामिल हैं.
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