मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज भोपाल में मुख्यमंत्री आवास में दशरथ रावत से मुलाकात कर उनका सम्मान किया. सीधी के एक वायरल वीडियो में आरोपी प्रवेश शुक्ला रावत पर पेशाब करता नजर आया था. इसके बाद से सियासत तेज हो गई है. अब शिवराज सिंह ने जिस तरीके से पीड़ित से माफी मांगी और उसको सम्मानित किया उसे लेकर भी सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. बसपा मुखिया ने इसे सरकारी पश्चाताप नहीं बल्कि चुनावी स्वार्थ की राजनीति करार दिया है.
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बसपा मुखिया मायावती ने इस मामले को लेकर सिलसिलेवार ट्वीट कर लिखा “मध्य प्रदेश के सीएम द्वारा सीधी जिले के पेशाब कांड के पीड़ित आदिवासी युवक को लगभग 600 किलोमीटर दूर भोपाल बुलाकर सीएम हाऊस में कैमरा के घेरे में उसके पैर धोना सरकारी पश्चाताप कम तथा इनकी नाटकबाजी व चुनावी स्वार्थ की राजनीति ज्यादा लगती है, ऐसी नुमाइशी कार्य क्या उचित है?”
इसके अलावा एक अन्य ट्वीट में मायावती ने लिखा “चूंकि मध्य प्रदेश में विधानसभा का आमचुनाव निकट है, इसलिए सरकार की ऐसी बेचैनी स्वाभाविक है. किन्तु पूरे राज्य में खासकर एससी, एसटी, अति पिछड़े व मुस्लिम समाज के साथ ही सर्वसमाज के लोगों का महंगाई व बेरोजगारी आदि से इनका जीवन जितना त्रस्त हुआ है उसका हिसाब वे जरूर ही मांगेगे.”
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी इस मामले को लेकर सीएम शिवराज पर निशाना साधते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में आदिवासी समाज सबसे अधिक है और उनके ये हालात हैं. केवल 10% ऐसी घटनाएं उजागर होती है, यह तो एक घटना है, ऐसी कई घटना सामने आती है. आदिवासी समाज कभी नहीं माफ करेगा. उन्हें(CM शिवराज सिंह चौहान) सिर्फ कैमरा से मतलब था.
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