नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार ने ‘शांति बनाए रखने’ और राज्य में ‘नफरत और हिंसा’ की घटनाओं से बचने के लिए फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ पर प्रतिबंध लगा दिया था. राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ अब फिल्म के निर्माता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. मिल रही जानकारी के अनुसार याचिका पर बुधवार को सुनवाई की मांग भी की जा सकती है.
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कानूनी कार्रवाई करने की दी थी धमकी
फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ के निर्माता विपुल अमृतलाल शाह ने कल मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि तमिलनाडू में एक व्यक्ति ने धमकी देकर इस फिल्म को रिलीज़ होने से रोक दिया. मैं वहां की DMK और कांग्रेस की सरकार को निवेदन करूंगा कि वे जल्द से जल्द इस पर एक्शन लें और इस फिल्म को कल रिलीज़ करें. इसके अलावा उन्होंने कहा था कि अगर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐसा किया है, तो हम कानूनी कार्रवाई करेंगे. कानून के प्रावधानों के तहत जो भी संभव होगा, हम लड़ेंगे.
पश्चिम बंगाल सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए ‘द केरल स्टोरी’ के डायरेक्टर सुदीप्तो सेन ने कहा कि 4 दिन से पश्चिम बंगाल में फिल्म हाउसफुल चल रही थी. कानून-व्यवस्था की कोई स्थिति उत्पन्न नहीं हुई. लेकिन अचानक ममता बनर्जी को लग गया कि कानून-व्यवस्था की समस्या हो सकती है. मैंने उनसे(ममता बनर्जी) अनुरोध किया कि आप एक बार फिल्म देख लीजिए, आपको इस पर गर्व होगा.
ममता बनर्जी ने क्या कहा था?
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य सचिवालय में इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. यह नफरत और हिंसा की किसी भी घटना से बचने और राज्य में शांति बनाए रखने के लिए है. उन्होंने आगे कहा कि “द कश्मीर फाइल्स” क्या है? यह एक वर्ग को अपमानित करना है. इसी तरह से “द केरल स्टोरी” क्या है?… यह एक विकृत कहानी है.
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