सैन्य शासन के खिलाफ विपक्षी दलों ने थाईलैंड के आम चुनाव में बंपर सीटें जीती हैं. जिसके बाद से ऐसा लग रहा है कि थाईलैंड में लगभग एक दशक से सत्ता पर काबिज सैन्य समर्थित सरकार को सत्ता से हाथ धोना पड़ेगा. अब तक हुई 99 फीसदी वोटों की गिनती के बाद विपक्षी मूव फॉरवर्ड पार्टी और पॉपुलिस्ट फेयु थाई पार्टी को बंपर सीटें मिल रही हैं. हालांकि अभी यह तय नहीं है कि विपक्षी पार्टियां सरकार बनाएंगी या नहीं क्योंकि सत्ता की चाबी अब भी सेना के हाथ में है.
Advertisement
Advertisement
रविवार के चुनाव में, विपक्षी दलों ने मतदाताओं को सैन्य शासन से स्वतंत्रता के साथ-साथ थाईलैंड के अपमानजनक राजशाही कानूनों में सुधार करने और स्वच्छता जैसे मुद्दों को लेकर वोट मांगा था. इतना ही नहीं विपक्षी दल ने थाईलैंड को लोगों से संस्थागत सुधार जैसे कई वादे भी किए हैं.
थाईलैंड के चुनाव परिणामों को पूरी तरह से घोषित होने में कुछ सप्ताह लगेंगे, लेकिन शुरुआती रुझानों से पता चलता है कि मूव फॉरवर्ड पार्टी 400 सीटों में से 113 सीटें जीत सकती है और पॉपुलिस्ट फेयु थाई पार्टी लगभग 112 सीटें जीत सकती है. जबकि 100 सीटों का बंटवारा पार्टियों के वोट प्रतिशत के आधार पर किया जाएगा. इस तरह साफ है कि थाईलैंड में विपक्षी दलों को बंपर जीत मिली है.
विपक्षी दलों ने भले ही भारी संख्या में सीटें जीती हों लेकिन थाई सेना के पास अभी भी सत्ता की चाबी है. दरअसल थाईलैंड में सैन्य शासन के बाद से यह व्यवस्था की गई है कि चुनाव के बाद 250 सदस्यीय सीनेट का समर्थन हासिल करना होगा. यह सीनेट ही प्रधानमंत्री और सत्तारूढ़ दल का चुनाव करती है. हालांकि सीनेट के सदस्य निर्वाचित नहीं होते हैं इनको सेना द्वारा नियुक्त किया जाता है. जिसके बाद कहा जा रहा है कि विपक्षी दलों को बंपर सीटें मिलने के बावजूद, यह निश्चित नहीं है कि वे सरकार बना पाएंगे या नहीं.
श्रीनगर समेत 5 जिलों में 13 जगहों पर छापेमारी, टेरर फंडिंग मामले में NIA की बड़ी कार्रवाई
Advertisement